महाराष्ट्र में सीएम पद की कुर्सी को लेकर बीजेपी और शिवसेना में तनातनी चल रही है। शिवसेना सरकार के गठन में 50-50 की भागीदारी की मांग कर रही है। दोनों में आपस में बढ़ते तकरार को देखते हुए बीजेपी ने बुधवार को विधायक दल का नेता चुन दिया है। महाराष्ट्र के पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस को फिर से विधायक दल का नेता चुनाव गया है।
भाजपा-शिवसेना की ओर से मंगलवार को दिनभर बयानबाजी होती रही। पहले मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने बयान जारी कर शिवसेना के 50-50 के फार्मूले के दावे को खारिज कर दिया। इसके बाद शिवसेना ने सरकार के गठन को लेकर शाम को भाजपा के साथ होने वाली बैठक रद्द कर दी।
महाराष्ट्र विधानसभा के नतीजे आने के पांच दिन बाद भी भाजपा-शिवसेना सरकार गठन के लिए एक टेबल पर आने में कामयाब नहीं हो सके हैं। शिवसेना लगातार भाजपा पर दबाब बनाए हुए और शुरुआत में संयम बरतने के बाद अब भाजपा भी खुलकर मैदान में आ गई है।
केंद्र व राज्य में हिस्सेदारी बढ़ाने पर मंथन
शिवसेना को साधने के लिए भाजपा राज्य व केंद्र में उसकी हिस्सेदारी बढ़ाने की पेशकश कर सकती है। माना जा रहा है कि केंद्र में मंत्रिमंडल का विस्तार कर शिवसेना को दो मंत्री पद दिए जा सकते हैं। साथ ही राज्य में उपमुख्यमंत्री के अलावा सरकार में 40 फीसदी की हिस्सेदारी की पेशकश भी की जा सकती है। इसे भाजपा का सबसे बड़ा समझौता फार्मूला माना जा रहा है।
एनसीपी और कांग्रेस पर भी नजर
महाराष्ट्र विधानसभा के अंकगणित में एनसीपी और कांग्रेस भी अहम भूमिका में हैं। शिवसेना के पास दो ही विकल्प हैं। या तो वह भाजपा के साथ सरकार बनाए या फिर एनसीपी और कांग्रेस के साथ मिलकर नया विकल्प खड़ा करे। भाजपा के पास भी शिवसेना के दूर होने पर एनसीपी का सबसे बड़ा विकल्प है।
क्या है विधानसभा का गणित
महाराष्ट्र विधानसभा में 288 सीट हैं। भाजपा को 105, शिवसेना को 56, एनसीपी को 54, जबकि कांग्रेस को 44 सीटें मिली हैं। सरकार बनाने के लिए बहुमत का आंकड़ा 145 है।
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