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कोरोनावायरस: चीन में अबतक 25 की मौत, भारतीयों के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी

तेजी से फैल रहे कोरोनावायरस से चीन में हाहाकार मच गया है। अब तक इस वायरस से मरने वालों की संख्या बढ़कर 25 हो गई है और इससे 830 लोगों के पीड़ित होने की पुष्टि हुई है। इस विषाणु से मरने वालों की औसत उम्र 73 साल है । मृतकों में सबसे उम्रदराज शख्स 89 साल का था जबकि सबसे कम उम्र के लिहाज से 48 साल के व्यक्ति की मौत हुई। बीमारी को रोकने के लिए आपात कदम उठाते हुए वुहान समेत तीन शहरों को पूरी तरह बंद कर दिया गया है। वुहान, हुआंग्गांग और इजोऊ में सिटी बसों सहित सार्वजनिक यातायात के सभी साधन, सब-वे, नाव, ट्रेन और हवाई जहाज सेवाएं बंद कर दी गई हैं।नागरिकों को आगाह किया गया है कि बिना महत्वपूर्ण वजह बताए शहर न छोड़ें। ऐसा करते हैं तो उन्हें सजा दी जाएगी। इस पाबंदी से करीब दो करोड़ लोग अपने-अपने शहरों में कैद हो गए हैं। 

भारतीय दूतावास ने जारी किया हेल्पलाइन नंबर

वही, चीन की राजधानी बीजिंग में भारत के दूतावास ने कहा है कि उन्हें कोरोनावायरस महामारी के संबंध में हेबेई प्रांत में रहने वाले भारतीयों के बारे में भारत में रहने वाले उनके रिश्तेदारों से जानकारियां मांगी जा रही है, जिसको देखते हुए दो हॉटलाइन जारी की गई है।

दूतावास ने कहा है कि वह बीजिंग और हेबेई में प्रासंगिक चीनी अधिकारियों के साथ-साथ हेबेई में रहने वाले भारतीयों के साथ भी संपर्क में है। दूतावास का कहना है कि हम इस संबंध में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा जारी की गई सलाह सहित चीन में विकसित स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि संबंधित चीनी अधिकारियों ने वुहान के निवासियों को खाद्य आपूर्ति सहित सभी सहायता का आश्वासन दिया है। साथ ही हेबेई और वुहान में रहने वाले भारतीयों के लिए भारतीय दूतावास ने दो हॉटलाइन को जारी किया है। जो +8618612083629 और +8618612083617 हैं।

हेबेई प्रांत में एक व्यक्ति की मौत की पुष्टि

चीन प्रशासन ने हुबेई प्रांत से दूर हेबेई में कोरोनावायरस से एक व्यक्ति की मौत की पुष्टि की है। अभी तक इस वायरस के कारण जितनी भी मौतें हुई हैं वो हुबेई प्रांत में ही हुई थीं। माना जा रहा है कि हुबेई से ही यह वायरस अन्य जगहों पर फैला है।

बीजिंग से लगे उत्तरी हेबेई प्रांत में स्वास्थ्य आयोग ने एक बयान में कहा कि 22 जनवरी को वायरस से प्रभावित 80 वर्षीय एक व्यक्ति की मौत हो गई। हेबेई प्रांत में मौत के साथ चीन में इस वायरस के कारण अब तक 18 लोगों की मृत्यु की पुष्टि हो चुकी है।

वायरस के प्रसार को रोकने के प्रयास शुरू

वहीं दुनियाभर में इस वायरस के प्रसार को रोकने के लिए प्रयास शुरू हो गए हैं। अब तक अज्ञात रहे इस वायरस को किसी जंगली जीव या उसके मांस से मानवों में फैलने की आशंका भी जताई गई है। सबसे पहले वुहान शहर को बंद करने का आदेश दिया गया। इसके बाद यहां से करीब 70 किमी दूर मौजूद हुआंग्गांग को बंद किया गया।

ऐसे ही आदेश इजोऊ के लिए दिए गए। इन शहरों के मुख्यालयों ने नोटिस में कहा है कि ऐसा कोरोनावारयस से हो रहे निमोनिया को रोकने और इलाज करने के लिए किया गया है। लोगों से घर से निकलने पर मास्क लगाने को कहा गया है। यह नोटिस लागू होने के समय से केवल एक घंटे पहले नौ बजे जारी किया गया।

इसमें सरकारी कर्मचारियों व सुरक्षा कार्यों में लगे लोगों को भी सार्वजनिक स्थलों पर मास्क पहनने के लिए कहा गया है। वुहान ट्रांसपोर्ट हब, हनकोऊ रेलवे स्टेशन आदि बंदकर दिए गए हैं। हमेशा भीड़ से भरे रहने वाले यह स्थान सूनसान हो चुके हैं। रोक का पालन करवाने के लिए राजमार्गों पर सुरक्षा बलों को लगा दिया गया है।

 

पर्यटन पर आठ फरवरी तक रोक

चीन में शुक्रवार से ‘चंद्र नव वर्ष’ त्यौहार शुरू हो रहा है, और इनकी छुट्टियां चल रही हैं। इस दौरान देश भर से करोड़ों लोग अपने घर व सैर-सपाटे वाली जगहों पर आते-जाते हैं। नई रोक से वे भी प्रभावित होंगे।

वुहान के पर्यटन अधिकारियों ने सभी क्षेत्रीय एजेंसियों को 22 जनवरी से आठ फरवरी तक सभी तरह के पर्यटन पर रोक लगाने के लिए कहा है। विदेशों से आ रहे सभी ग्रुप टूर भी 30 जनवरी तक रद कर दिए गए हैं, पैसा लौटाने को कहा गया है। पांच सितारा होटलों को चेताया गया है कि वे आठ फरवरी तक अपने सभी आयोजन रद कर दें।

हांगकांग से लेकर यूएस तक में मिले मामले

इस बीच कई अन्य देशों में भी कोरोनावायरस मिलने की पुष्टि हुई है। थाईलैंड में चार, और अमेरिका, ताइवान, जापान, कोरिया गणराज्य में एक-एक केस मिले हैं। हांगकांग और मकाओ में भी कई मरीज मिले हैं।

एशिया भर में आर्थिक असर

चीन में हालात से हांगकांग और शंघाई स्टॉक मार्केट करीब 1.5 प्रतिशत गिर गया। वहीं चीन की मुद्रा युआन में भी दो हफ्ते की सर्वाधिक गिरावट आई है। वहीं त्यौहारी समय में रिलीज होने जा रही सात फिल्में भी चीन में टाल दी गई हैं।

सैकड़ों उड़ानें रद

वुहान मध्य चीन में उद्योग और वाणिज्य का केंद्र माना जाता है। यहां से बृहस्पतिवार को 566 उड़ानें जानी थीं। सुबह 11:30 बजे चीन के नागरिक उड्डयन प्रशासन (सीएएसी) के उड़ानों पर रोक के आदेश आने के बाद इनमें से 288 को रद कर दिया गया है। रोजाना औसतन 30 हजार यात्री इन विमानों से बाहर जाते हैं, वे सभी यहां फंस गए हैं। इनमें बड़ी संख्या में विदेशी नागरिक हैं।

अभी कोई वैक्सीन नहीं

फिलहाल इस वायरस को रोकने के लिए कोई टीका नहीं है। इसके लक्षणों में बुखार, सांस लेने में तकलीफ और खांसी दर्ज किए गए हैं। कई लोगों को सांस की गई परेशानियां भी आ रही हैं।

हालात : अचानक आदेशों से लोगों में गुस्सा

इन तीनों शहरों को छोड़ने पर लगी रोक के बाद ये एक तरह की जेल में बदल गए हैं। लोगों को घर से भी तभी निकलने के लिए कहा गया है, जब ऐसा करना बहुत जरूरी हो। इन शहरों में घरों से निकले लोग मास्क में नजर आ रहे हैं। वहीं खांसते और छींकते भी कई लोग नजर आ रहे हैं, जिनकी वजह से भय का माहौल है। ऐसे लोगों को तुरंत अस्पताल ले जाया जा रहा है।

अधिकतर लोगों में चीनी प्रशासन के लिए गुस्सा है क्योंकि शहरों में रोक के आदेश लागू होने से केवल एक घंटे पहले अचानक जारी किए गए। इसकी वजह से उलझनें बढ़ीं और भय का माहौल है। सामान्य छींक आने पर भी लोग जांच के लिए अस्पतालों की ओर दौड़ रहे हैं।

वुहान में 700 भारतीय, अधिकतर छात्र

वुहान शहर में करीब 700 भारतीय रहते हैं जिनमें से अधिकतर छात्र हैं। स्थानीय अधिकारियों ने उन्हें बुधवार को ही शहर में और शहर से बाहर यात्रा करने से बचने की सलाह दी है। भारत इस मामले में पहले ही यात्रा परामर्श जारी कर चुका है। भारतीय दूतावास लगातार इन भारतीयों के संपर्क में है।

हवाईअड्डों, ट्रेनों व बस अड्डों पर जांच, नई जगहों पर मामले मिले

24 जनवरी से नया वर्ष के लिए आवागमन कर रहे करोड़ों लोगों को देखते हुए चीन में कई हवाई अड्डों, बस अड्डों व ट्रेनों में जांच शुरू कर दी गई है। इसके चलते बीजिंग, शंघाई और चोंगकिंग और उत्तर पूर्व, मध्य और दक्षिण चीन से भी कोरोना वायरस के मामले सामने आ रहे हैं।

भारत सतर्क, दुनिया भर में जांच

भारत में मंगलवार तक सात हवाईअड्डों पर 43 उड़ानों में सवार कुल 12,828 यात्रियों की अत्याधुनिक थर्मल इमेजिंग कैमरे से विस्तृत स्वास्थ्य जांच की गई। कोई संक्रमित नहीं।

तुर्की में हवाईअड्डों पर विदेश, खासकर चीन से आए यात्रियों की थर्मल कैमरों से जांच की जा रही है। संक्रमित मरीजों के लिए विशेष एंबुलेंस और चिकित्सा केंद्र बनाए गए हैं।

उत्तर कोरिया ने विदेशी पर्यटकों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया है। ब्रिटेन, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया में भी स्वास्थ्य विभाग ने सभी हवाईअड्डों पर व्यापक जांच शुरू की है।

 

इन तीन शहरों में लॉक डाउन

शहरआबादीवुहान1.15 करोड़हुआंग्गांग75 लाखइजोऊ11 लाख

‘फीक’ दुनिया के लिए खतरा है या नहीं डब्ल्यूएचओ में मतभेद

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने बुधवार-बृहस्पतिवार की दरम्यिानी रात आपात वार्ता बुलाई, जिसमें पब्लिक हेल्थ इमर्जेंसी ऑफ इंटरनेशनल कंसर्न (फीक) लागू करने पर निर्णय लिया जाना था। बंद दरवाजे में हुई इस बैठक के बाद डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेडरॉस अधानोम ने कहा कि फीक पर निर्णय से पहले अभी और जानकारी का इंतजार किया जा रहा है। आगे और बैठक की जाएगी।

उन्होंने इस अंतरराष्ट्रीय चिंता का विषय बताया और कहा कि फीक घोषणा के गंभीर परिणाम होते हैं, जैसा स्वाइन फ्लू या इबोला के समय हुआ था। लेकिन फ्रांस की राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा एजेंसी व आपात समिति बैठक में शामिल डीडियर होसिन ने कहा कि फीक लागू करने पर बैठक में मतभेद थे। ऐसा करने के लिए फिलहाल मृत्यु दर कम है, पूर्व में हुई ऐसी घोषणाओं में कहीं अधिक मौतें हुई थीं।

अभी इस निर्णय के लिए इंतजार किया जाएगा कि कोरोनावायरस के मौजूदा प्रसार को मानव जाति के लिए खतरा माने या नहीं। फीक ऐसी बीमारी के फैलने पर लगाया जाता है, जिसे रोकने के लिए अंतरराष्ट्रीय प्रयासों की जरूरत हो।

सांप या चमगादड़ से आया वायरस

चीन में 17 लोगों को मारने वाले कोरोना वायरस फैलने के पीछे सांप या चमगादड़ हो सकते हैं। यह दावा वायरस के जनेटिक विश्लेषण के आधार पर दो अलग अलग शोध में किया गया है। इन शोध में वायरस के जीनोम सीक्वेंस का अध्ययन हुआ है।

जर्नल चाइना लाइफ साइंस में मंगलवार को प्रकाशित शोध के अनुसार वुहान में मिले कोरोना वायरस जेनेटिक रूप चमगादड़ों में मिलने वाले कोरोनावायरस से मिलता जुलता है। वुहान के चमगादड़ों में ‘वुहान सीओवी’ (कोरोनावायरस) आमतौर पर पाया जाता है।

ऐसे में वहीं से इसके आने की बात मानने की वजह वैज्ञानिकों के पास है। साथ ही वैज्ञानिकों का आकलन है कि चमगादड़ों से मानव तक पहुंचने के दौरान बीच में भी यह कुछ जीवों होकर गुजरा है।

सांपों से आए, लेकिन पुष्टि के लिए और अध्ययन की जरूरत

दूसरा अध्ययन बुधवार को मेडिकल वायरोलॉजी जर्नल में प्रकाशित किया गया, जिसमें सांपों को संभावित दोषी बताया गया। अध्ययनकर्ताओं के अनुसार उन्होंने विस्तृत जीन सीक्वेंसिंग और तुलना के बाद पाया कि यह सांपों से आया है। यह सांप संभवत: जंगल से लाए गए थे। हालांकि इसकी पुष्टि के लिए विस्तृत अध्ययन की जरूरत बताई गई है।

जंगली जीवों के मांस भक्षण पर संदेह

हालांकि इन अध्ययनों ने यह नहीं बताया है कि इन जीवों से मानव में यह वायरस कैसे पहुंचा, लेकिन संकेत दिया है कि चीन के वुहान में खाद्य वस्तुओं की मंडी में कई प्रकार के जीवों की भी खरीद-फरोख्त होती है। इनमें जीवित लोमड़ी, मगरमच्छ, भेड़ियों के बच्चे, छिपकलियां, सांप, चूहे, चमगादड़, मोर, साही शमिल होते हैं।

चीन के रोग नियंत्रण व रोकथाम केंद्र के निदेशक गाओ फू ने बीजिंग में दावा किया कि फिलहाल चीनी अधिकारी मान रहे हैं कि यह वायरस जंगल के जीवों से मानवों में आया। इससे पहले सीवियर एक्यूट रेस्पिरेट्री सिंड्रम (सार्स) सीविट (मुश्क-बिलाव) का मांस खाने से फैलने की आशंका जताई गई थी।

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