हमारे देश की विशालता और विविधता को याद करना, इसको नमन करना, हर भारतीय को, गर्व से भर देता है. इस विविधता के अनुभव का अवसर तो हमेशा ही अभिभूत कर देने वाला, आनंद से भर देने वाला, एक प्रकार से, प्रेरणा का पुष्प होता है. कुछ दिन पहले, मैंने, दिल्ली के हुनर हाट (#HunarHatt) में हमारे देश की विशालता, संस्कृति, परम्पराओं, खानपान और जज्बातों की विविधताओं के दर्शन किये.
हुनर हाट में एक दिव्यांग महिला की बातें सुनकर बड़ा संतोष हुआ. उन्होंने मुझे बताया कि पहले वो फुटपाथ पर अपनी पेंटिंग बेचती थी लेकिन हुनर हाट (#HunarHatt) से जुड़ने के बाद उनका जीवन बदल गया. मुझे बताया गया है कि हुनर हाट में भाग लेने वाले कारीगरों में पचास प्रतिशत से अधिक महिलाएं हैं. पिछले तीन वर्षों में हुनर हाट के माध्यम से, लगभग तीन लाख कारीगरों, शिल्पकारों को रोजगार के अनेक अवसर मिले हैं.
हुनर हाट, कला के प्रदर्शन के लिए मंच होने के साथ-साथ ये लोगों के सपनों को भी पंख दे रहा है. जहां इस देश की विविधता को अनदेखा करना असंभव ही है. शिल्पकला तो है ही है, साथ-साथ, हमारे खान-पान की विविधता भी है.
मैंने, खुद हुनर हाट में बिहार के स्वादिष्ट लिट्टी-चोखे का आनन्द लिया. भारत के हर हिस्से में ऐसे मेले, प्रदर्शनियों का आयोजन होता रहता है.
