झारखंड में भाजपा को जेएमएम-कांग्रेस-राजद गठबंधन से हार का सामना करना पड़ा है। खास बात है कि मुख्यमंत्री रघुवर दास अपनी ही सीट नहीं बचा पाए। उन्हें पार्टी के बागी उम्मीदवार सरयू राय के हाथों 15 हजार से अधिक वोटों से हार का सामना करना पड़ा है। आखिर क्या वजह रही कि जमशेदपुर पूर्वी से लगातार पांच बार जीतने वाले रघुवर दास बतौर मुख्यमंत्री भी अपनी सीट बचा नहीं पाए। प्रदेश की राजनीति को समझने वालों का कहना है कि हार के पीछे दास का ‘अहंकारी रवैया’ और विकास के नाम पर ‘हकीकत कम, फसाना ज्यादा’ जैसी बातें जिम्मेदार रहीं। उनकी सरकार ने शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार जैसी बुनियादी जरूरतों पर अपेक्षित ध्यान ही नहीं दिया।
रांची विश्वविद्यालय में राजनीति शास्त्र के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. जयप्रकाश खरे ने आईएएनएस से बातचीत में कहा, “आजसू के साथ गठबंधन टूटना भाजपा की हार का सबसे बड़ा कारण है, क्योंकि प्रदेश की विविधता को देखते हुए गठबंधन की राजनीति ही चल सकती है जिसको पहचान कर विपक्षी दलों ने महागठबंधन (झामुमो-कांग्रेस-राजद गठबंधन) किया। वहीं, टिकट बंटवारा भी एक बड़ा कारण है।”
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