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महाराष्ट्र : भाजपा-शिवसेना में टकराव के बीच कांग्रेस भी हुई सक्रिय

भाजपा-शिवसेना में टकराव के बीच कांग्रेस भी सक्रिय हो गई है। पार्टी खुलकर कोई संकेत नहीं देना चाहती, पर पार्टी के अंदर शिवसेना की अगुवाई में बनने वाली सरकार के समर्थन की मांग तेज हो रही है। अधिकतर विधायक भी इसी पक्ष में है। ऐसे में पार्टी की नजर शिवसेना के अगले निर्णय पर टिकी है।

संभावना से इनकार नहीं
कांग्रेस के एक वरिष्ठ महासचिव ने कहा कि हम स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगा। खासबात यह है कि पार्टी शिवसेना के साथ सरकार के गठन की संभावना को पूरी तरह नकार नहीं रही है। कई नेताओं की दलील है कि बिहार में जदयू और भाजपा का गठबंधन भी काफी पुराना था, पर वहां एक प्रयोग किया। उसी तर्ज पर कई नेता महाराष्ट्र में शिवसेना के समर्थन की वकालत कर रहे हैं।
आलाकमान को बताएंगे
जयपुर में ठहरे ज्यादातर पार्टी विधायक संभावित शिवसेना-एनसीपी गठबंधन सरकार का हिस्सा बनने की मांग कर रहे हैं। वरिष्ठ नेता अशोक चव्हाण ने कहा कि हम राज्य में राष्ट्रपति शासन नहीं चाहते। राज्य में राजनीतिक रुख को लेकर आला-कमान से सलाह लेंगे। रविवार को पार्टी महासचिव और प्रदेश प्रभारी मल्लिकार्जुन खडगे ने भी विधायकों से मुलाकात की। खड़गे ने कहा कि वह पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को विधायकों की राय से अवगत कराएंगे। इस बीच, एनसीपी ने भी स्थिति पर विचार करने के लिए मंगलवार को अपने विधायकों की बैठक बुलाई है।

विरोधाभाषी बयान
प्रदेश में सियासी हलचल के बीच कांग्रेस नेता मिलिंद देवड़ा ने कहा कि महाराष्ट्र के राज्यपाल को कांग्रेस-एनसीपी को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करना चाहिए। क्योंकि, यह दूसरा बड़ा गठबंधन है। हालांकि, कांग्रेस के भाजपा को अलग थलग करने के लिए शिवसेना के साथ सरकार बनाने की वकालत कर रहे हैं। वहीं संजय निरुपम सहित कई नेता इसका विरोध कर रहे हैं। निरुपम ने कहा, हमें किसी भी हालात में शिवसेना के साथ सत्ता साझा करने के बारे में नहीं सोचना चाहिए। यह पार्टी के लिए काफी खतरनाक निर्णय होगा।

पार्टी पर दबाव बढ़ेगा
पार्टी रणनीतिकार मानते हैं कि शिवसेना के एनडीए से अलग होने की सूरत में कांग्रेस पर गैर भाजपा सरकार के समर्थन को लेकर दबाव बढ़ जाएगा। इसीलिए सभी पहलुओं पर विचार करके फैसला किया जाएगा। पार्टी नेताओं का कहना है कि पहले शिवसेना को निर्णय लेना है। उसके बाद एनसीपी और बाद में कांग्रेस को इस पर फैसला करना होगा।

हमें विपक्ष में बैठने का जनादेश मिला: खड़गे
मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि जनता ने हमें विपक्ष में बैठने का जनादेश दिया है और यही फैसला हमारा है। जयपुर में संवाददाताओं से बातचीत के दौरान खड़गे ने कहा कि पार्टी हाई कमान क्या निर्णय लेंगे, कब बोलेंगे, कैसा बोलेंगे, वो उन पर निर्भर है। अभी तक हमारा एक ही रुख है कि विपक्ष में बैठकर हम और एनसीपी साथ काम करें। महाराष्ट्र के नवनिर्वाचित कांग्रेस विधायक जयपुर-दिल्ली राजमार्ग पर एक रिसोर्ट में रुके हुए हैं। खड़गे के अलावा, महाराष्ट्र कांग्रेस के कुछ वरिष्ठ नेता भी महाराष्ट्र में राजनीतिक गतिरोध के मद्देनजर अपनी रणनीति तय करने के लिए जयपुर में डेरा डाले हुए हैं।

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