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बदल गया भारत का नक्शा; जम्मू-कश्मीर दो केंद्र शासित प्रदेशों में बंट गया

नई दिल्ली (30 दिसंबर): साल 2019 खत्म होने वाला है। साल 2019 के शुरुआत में भारत के नक्शे में 29 राज्य (State) और 7 केंद्र शासित प्रदेश (Union Territory) थे। लेकिन 31 अक्टूबर 2019 को देश का नक्शा बदल गया। 31 अक्टूबर 2019 को जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) दो केंद्र शासित प्रदेशों में बंट गया। जिसके कारण अब देश में सिर्फ 28 राज्य ही रह गए हैं। वहीं जम्मू कश्मीर राज्य के बंट जाने के कारण केंद्र शासित प्रदेशों की संख्या 7 से बढ़कर 9 हो गई है। जब-जब नए राज्य का गठन हुआ, भारत के नक्शे में राज्यों की संख्या जुड़ती चली गई, लेकिन 31 अक्टूबर 2019 को पहली बार ऐसा हुआ जब नक्शे से एक राज्य कम हुआ, साथ ही दो केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और लेह बढ़ गए। 

4 अगस्त की रात केंद्रीय कैबिनेट ने जम्मू-कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा वापस लेने का फैसला किया और 5 अगस्त को गृहमंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में दो संकल्प पेश किए। पहला जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 (1) के अलावा सभी खंडों को हटाने का और दूसरा राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने का। इन दोनों संकल्पों के साथ गृहमंत्री ने राज्यसभा में राज्य पुनर्गठन बिल और आरक्षण संशोधन बिल पेश किया। इस बिल के पक्ष में ज्यादा वोट मिले और इसे राज्यसभा से मंजूरी मिल गई। उसके बाद राष्ट्रपति की मंजूरी मिली और यह कानून बन गया। इसके साथ ही जम्मू कश्मीर राज्य का विशेष दर्जा भी समाप्त हो गया।

भारतीय इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब किसी राज्य को दो हिस्सों में बांट कर केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया। दोनों केंद्र शासित प्रदेश में नए उप राज्यपाल की नियुक्ति की गई है। आरके माथुर लद्दाख के उपराज्यपाल बनाए गए हैं, जबकि गिरीश चंद्र मुर्मू को जम्मू-कश्मीर राज्य का उप राज्यपाल बनाया गया है। केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद अब जम्मू-कश्मीर की कानून-व्यवस्था और पुलिस पर सीधे तौर से केंद्र का नियंत्रण है, जबकि भूमि वहां की निर्वाचित सरकार की है। लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश सीधे केंद्र सरकार के नियंत्रण में है।

आपको बता दें कि जम्मू-कश्मीर का पुनर्गठन देश के पहले गृहमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती (31 अक्टूबर) के मौके पर किया गया। सरदार वल्लभ भाई पटेल की भूमिका भारत में जम्मू-कश्मीर का विलय कराने में अहम रही था। इस तरह 31 अक्टूबर को भारत के नक्शे में एक राज्य कम होकर 28 हो गया और दो केंद्र शासित प्रदेश बढ़कर 9 हो गए। अब तक पूर्ण राज्य रहा जम्मू-कश्मीर 31 अक्टबूर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बंट गया। जम्मू-कश्मीर राज्य का पुनर्गठन कानून 2019 के तहत दो केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और लद्दाख अस्तित्व में आए और जम्मू-कश्मीर विधानसभा सहित और लद्दाख बिना विधानसभा का केंद्र शासित प्रदेश बना। यह इतिहास में पहली बार हुआ जब कोई राज्य केंद्र शासित प्रदेश बना।

इतना ही नहीं भारत सरकार की ओर से जारी नए नक्शे में पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) के हिस्से को कश्मीर क्षेत्र में रेखांकित गया। इसमें PoK के तीन जिले मुजफ्फराबाद, पंच और मीरपुर को शामिल किया गया। नक्शे में लद्दाख में दो जिले करगिल और लेह, जबकि जम्मू-कश्मीर में 20 जिले शामिल किए गए। इसके अलावा भारत सरकार ने कारगिल के अभी के क्षेत्र को छोड़कर लेह जिले के क्षेत्र गिलगित, गिलगित वजारत, चिलास, जनजातीय क्षेत्र व लेह और लद्दाख को भी मिलाया है। इस आदेश को जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन आदेश, 2019 कहा गया।

 

 

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