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महाराष्ट्र : सत्तार का इस्तीफा उद्धव सरकार के पतन की शुरुआत – देवेंद्र फडणवीस

महाराष्ट्र में मंत्रिमंडल के बंटवारे से पहले नाराज चल रहे शिवसेना के कोटे से राज्यमंत्री बने अब्दुल सत्तार ने पद से इस्तीफा दे दिया है। बताया जा रहा है कि वह कैबिनेट मंत्री का दर्जा चाहते थे लेकिन उन्हें राज्यमंत्री बनाया गया। वहीं इस इस्तीफे के बाद से बीजेपी ने महाराष्ट्र विकास अगाड़ी पर निशाना साधा है और कहा है कि सत्तार का इस्तीफा उद्धव सरकार के पतन की शुरुआत है। आपको बता दें कि अब्दुल सत्तार ने 30 दिसंबर को हुए मंत्रिमंडल विस्तार में मंत्री पद की शपथ ली थी।
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि सत्तार का इस्तीफा उद्धव सरकार के पतन की शुरुआत है। उन्होंने कहा कि इस सरकार में सभी को मलाईदार मंत्रालय चाहिए और यह विश्वासघात की सरकार है।

उधर, शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने कहा है कि अब्दुल सत्तार जी ने पद से इस्तीफा दिया है या नहीं इसके बारे में जो सत्य है वो या तो मुख्यमंत्री या राजभवन के सूत्र ही बता सकते हैं। मैंने भी यह खबर देखी और सुनी है। उन्होंने कहा कि वो नाराज है तो क्यों है मुझे पता नहीं। मैंने सुना है कि उन्हें राज्य मंत्री बनाया लेकिन वह कैबिनेट मंत्री बनना चाहते थे। शिवसेना के कोटे में ज्यादा मंत्रालय नहीं है फिर भी उन्हें मंत्री बनाया है।
शिवसेना के वरिष्ठ नेताओं ने कहा कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है कि सत्तार ने इस्तीफा दिया है या नहीं। पार्टी सत्तार को मनाने का प्रयास कर रही है। वरिष्ठ शिवसेना नेता अनिल देसाई ने कहा कि सत्तार ने इस्तीफा नहीं दिया है। इस बीच, सत्तार से मिलने और इस मुद्दे पर चर्चा करने के लिए पार्टी की ओर से अर्जुन खोतकर को भेजा गया है। खोतकर औरंगाबाद के एक होटल में सत्तार से मिले, लेकिन होटल से निकलने से पहले इस मामले पर कोई टिप्पणी नहीं की। सत्तार के बेटे समीर ने कहा कि मुझे पता नहीं है कि क्या उन्होंने इस्तीफा दे दिया है। केवल वही इस मुद्दे पर बात कर पाएंगे।
30 दिसंबर को हुए मंत्रिमंडल विस्तार में अनदेखी होने के बाद से शिवसेना के कई वरिष्ठ नेताओं में असंतोष और आक्रोश व्याप्त हो गया था। पिछली कांग्रेस-एनसीपी सरकारों में कैबिनेट मंत्री रह चुके कई विधायकों को शिवसेना कोटे से कैबिनेट बर्थ दिए जाने की उम्मीद थी। शिवसेना प्रमुख और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने तीन निर्दलीय विधायकों को एक को कैबिनेट और दो को कनिष्ठ मंत्री का पद दिए जाने के बाद से पार्टी के अंदर कई विधायक नाखुश हैं।
बता दें कि अब्दुल सत्तार कांग्रेसी में थे और विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस से शिवसेना में शामिल हुए थे। कांग्रेस के प्रदेश नेतृत्व से नाराज होकर उन्होंने कांग्रेस छोड़ी थी। मराठवाडा में औरंगाबाद के जमीनी नेता के तौर पर अब्दुल सत्तार की पहचान है। इन दिनों महाराष्ट्र में जिला परिषद के चुनाव चल रहे हैं और जिला परिषद अध्यक्ष पद पर अब्दुल सत्तार अपने उम्मीदवार को जिताना चाहते हैं, जबकि महाराष्ट्र की महा विकास आघाडी सरकार जिसमें शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस तीनों शामिल हैं ने यह तय किया है कि जिला परिषद अध्यक्ष कांग्रेस का बनाया जाए। इस बात से भी अब्दुल सत्तार नाराज हैं। उधर, एनसीपी प्रवक्ता और महाराष्ट्र कैबिनेट मंत्री पद की शपथ लेने वाले नवाब मलिक ने कहा कि सोमवार को मंत्रिपद का आवंटन कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि मंत्रिपद आवंटन में देरी इसलिए हुई क्योंकि नए विभागों को बनाया गया है।

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