नई दिल्ली (22 जनवरी): अयोध्या में राम जन्मभूमि पर मंदिर बनाने को लेकर ट्रस्ट के 17 सदस्यों की लिस्ट तैयार कर ली है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक आधे से ज्यादा सदस्य मंदिर आंदोलन से जुड़े अयोध्या के संत और महंत हैं। बताया जा रहा कि वीएचपी के पदाधिकारियों का भी ट्रस्ट में दबदबा रहेगा। हालांकि इसपर अभी आखिरी फैसला होना बाकी है। आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने मंदिर के लिए ट्रस्ट बनाने और मस्जिद के लिए 5 एकड़ जमीन देने की प्रक्रिया 3 महीने में पूरी करने का आदेश दिए थे। जिसके लिए केंद्र के पास सिर्फ 16 दिन का समय बचा है। सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक महंत नृत्यगोपाल दास और पेजावर मठ के प्रमुख समेत 16-17 लोग राम मंदिर ट्रस्ट में सदस्य रहेंगे।

ये हो सकते हैं राम मंदिर ट्रस्ट (Ram Mandir Trust) के सदस्य….
– श्रीराम जन्मभूमि ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास
– निर्मोही अखाड़ा के महंत दिनेंद्र दास
– दिगंबर निर्वाणी अणी अखाड़ा के महंत सुरेश दास
– बड़ा स्थान के महंत अवधेश दास
– सद्गुरु सदन के महंत सियाकिशोरी शरण दास
– रामानुज संप्रदाय कौशलेश सदन के महंत वासुदेवाचार्य
– अशर्फी भवन के महंत श्रीधराचार्य
– पेजावर मठ के 33वें प्रमुख विश्वप्रसन्ना तीर्थ
– ज्योतिष पीठ बद्रिका आश्रम के श्री स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती
– विहिप के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार
– विहिप के उपाध्यक्ष चंपत राय
– विहिप के कोषाध्यक्ष ओम प्रकाश सिंघल
वहीं ट्रस्ट के संरक्षक मंडल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह के अलावा यूपी के राज्यपाल और मुख्यमंत्री शामिल हो सकते हैं। जानकारी के मुताबिक मंदिर के लिए निर्माण के लिए भी समिति बनेगी। इसमें ट्रस्ट के सदस्य ही शामिल रहेंगे। इसमें संघ के प्रतिनिधि भी शामिल हो सकते हैं।
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 9 नवंबर के फैसले में केन्द्र सरकार की ओर से ट्रस्ट की नियमावली बनाने के लिए तीन माह का समय नियत किया है। यह अवधि आठ फरवरी 2020 को पूरी हो रही है। इसके पहले यह भी तय है कि क्यूरेटिव पिटीशन सुप्रीम कोर्ट में दायर होगी और कोर्ट भी अपना रुख स्पष्ट कर देगा। केन्द्र सरकार ने यह संदेश हिन्दू संगठनों तक पहुंचा दिया है। इसी के चलते रामनवमी के अवसर पर रामजन्मभूमि में प्रस्तावित मॉडल के अनुरूप मंदिर निर्माण की आधारशिला रखे जाने का प्रस्ताव है। इसके पहले माना जा रहा था कि खरमास की समाप्ति और मकर संक्रांति के बाद अब 30 जनवरी तक नए ट्रस्ट की घोषणा हो जाएगी।