नई दिल्ली: राकांपा सुप्रीमो शरद पवार के अयोध्या में राम मंदिर की तरह ही मस्जिद निर्माण के लिए ट्रस्ट के गठन की वकालत से उपजी सियासी तपिश के बीच महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। मुलाकात के बाद उन्होंने संवाददाताओं के बीच कहा कि नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर और संशोधित नागरिकता कानून (Citizenship Amendment Act 2019) से किसी को डरने की जरूरत नहीं है। एनपीआर किसी को भी देश से बाहर नहीं करेगा।
समाचार एजेंसी पीटीआइ के मुताबिक, शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी के साथ उनकी मुलाकात में कई ज्वलंत मसलों पर बातचीत हुई। हमने संशोधित नागरिकता कानून यानी CAA, NRP और NRC के मसले पर बातचीत की। मैं पहले ही इन मसलों पर अपना रुख साफ कर चुका हूं। किसी को भी संशोधित नागरिकता कानून और NRP से डरने की जरूरत नहीं है। गौर करने वाली बात यह है कि उद्धव ने जिस CAA, NRP और NRC के मसले पर अपना रुख दोहराया, राज्य की गठबंधन सरकार में शामिल कांग्रेस और राकांपा उसका विरोध कर रहे हैं।
हालांकि, उद्धव गठबंधन में दरार की अटकलों पर सफाई देना नहीं भूले, उन्होंने कहा कि राज्य में सरकार के सहयोगी दलों के बीच किसी भी प्रकार का मतभेद नहीं है। हम पूरे पांच साल सरकार चलाने जा रहे हैं। इस बात में कोई संदेह नहीं होना चाहिए। उद्धव ने आगे कहा कि राज्य सरकार को केंद्र के मदद की जरूरत है और प्रधानमंत्री मोदी ने हमारी सरकार को सभी तरह की मदद का भरोसा दिया है। पिछले साल 28 नवंबर में मुख्यमंत्री बनने के बाद पहली बार उद्धव ठाकरे राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के दौरे पर पहुंचे थे। मुलाकात के दौरान उद्धव के साथ उनके बेटे आदित्य ठाकरे भी मौजूद रहे।
फिलहाल, उद्धव कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलने उनके आवास पर पहुंचे हैं। उनका भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ भी मुलाकात का कार्यक्रम है। ये मुलाकातें ऐसे वक्त में हो रही हैं जब महा विकास अघाड़ी की सरकार में एनसीपी, कांग्रेस और शिवसेना के बीच मतभेद खुलकर सामने आ गए हैं। शिवसेना की ओर से इन मुलाकातों को शिष्टाचार भेंट बताया है।