रामदास तांबे
पुणे : पूर्व केन्द्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने मुंबई में नागरिकता संशोधन कानून और जेएनयू हमले के खिलाफ गांधी शांति यात्रा की शुरुआत की। आगे यह यात्रा पुणे शहर पहूंची हैं । पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा , मंत्री पृथ्वीराज चव्हाण इस यात्रा में शामिल है। पिंपरी चिंचवड़ कोंग्रेस कार्यकर्ताओं कि और से यशवंत सिन्हा और पृथ्वीराज चव्हाण का स्वागत किया गया।
इस बहुराज्यीय यात्रा के जरिए यशवंत सिन्हा नागरिकता संशोधन कानून को वापस लेने और जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में हुई हिंसा की सुप्रीम कोर्ट के मौजूदा न्यायधीश द्वारा न्यायिक जांच कराने की मांग के लिए जनसमर्थन जुटाएंगे। यह यात्रा महाराष्ट्र, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हरियाणा से होकर 30 जनवरी को दिल्ली के राजघाट पर समाप्त होगी। इस दौरान तीन हजार किलोमीटर का सफर तय किया जाएगा। यशवंत सिन्हा के नेतृत्व वाले गैर-राजनीतिक संगठन राष्ट्र मंच ने मुंबई से दिल्ली तक गांधी शांति यात्रा आयोजित कर रही है।
यशवंत सिन्हा ने कहा के , देश में अशांति और घबराहट का माहौल है। गांधीजी के जो उपदेश है उसे दुबारा जनता के बीच लेकर जाने की जरूरत है। हालही में जेएनयू में हुए ज़ुल्म के पीछे के लोगो को पहचानकर उंनपर कारवाई की जानी चाहिए।
देश में आर्थिक व्यवस्था की और से ध्यान हटाने के लिए जेएनयू जैसे मामले किए जा रहे है। देश भर में युवा पीढ़ी रास्तों पर उतरकर NRC AUR CAA कानून का विरोध कर रही है। इस यात्रा द्वारा लोगों से मिलेंगे और लोगों को सीएए और एनआरसी को लेकर अपना संदेश देंगे। वह लोगों को बताएंगे कि सीएए और एनआरसी से उनका क्या नुकसान होगा। उन्होंने कहा कि हम अंबेडकर जी द्वारा बनाए गए संविधान की रक्षा करेंगे ऐसा भी यशवंत सिन्हा ने कहा है।
इस दौरान पिंपरी चिंचवड़ कांग्रेस शहराध्यक्ष सचिन साठे मयूर जैसवाल, मकर यादव और कार्यकर्ता उपस्थित थे।